पारदर्शिता, संवाद और समाधान की नई पहल
रायगढ़, 07 अप्रैल 2025/ छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में पारदर्शी और प्रभावशाली शासन व्यवस्था की दिशा में एक और अहम कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर “सुशासन तिहार-2025” के आयोजन के निर्देश दिए हैं। यह आयोजन तीन चरणों में पूरे प्रदेश में संपन्न होगा, जिसका उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान, जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा और शासन-जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन की स्थापना को लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। शासन-प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जनहित को सर्वोपरि मानते हुए इस तिहार का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर सरकार जनता के साथ प्रत्यक्ष संवाद कर उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान सुनिश्चित करेगी।
तीन चरणों में होगा आयोजन
मुख्यमंत्री ने बताया कि सुशासन तिहार-2025 का आयोजन तीन चरणों में किया जाएगा:
- पहला चरण (08 से 11 अप्रैल 2025): इस अवधि में ग्राम पंचायत मुख्यालयों और नगरीय निकाय कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आम जनता से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। समाधान पेटी की व्यवस्था की जाएगी ताकि नागरिक अपनी समस्याएं निःसंकोच दर्ज कर सकें। ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
- दूसरा चरण (12 अप्रैल से 04 मई 2025): प्राप्त आवेदनों का स्कैन कर उन्हें पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और संबंधित अधिकारियों को भेजा जाएगा। विभागीय अधिकारी इन समस्याओं का निराकरण लगभग एक माह में सुनिश्चित करेंगे।
- तीसरा चरण (05 मई से 31 मई 2025): समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आवेदकों को उनके आवेदन की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। समाधान शिविरों में ही संभव समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाएगा। बाकी आवेदनों का समाधान एक माह में कर सूचना दी जाएगी।
नवाचारों को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले की आवश्यकताओं के अनुसार नवाचारों की अनुमति दी जाएगी जिससे यह तिहार अधिक प्रभावशाली और जनोपयोगी बन सके। समाधान शिविरों में सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहेंगे और जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।
जनप्रतिनिधियों की भागीदारी और निरीक्षण
श्री साय ने निर्देश दिए कि स्थानीय सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए। साथ ही विकास कार्यों और योजनाओं का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। स्वयं मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शिविरों में शामिल होंगे और फीडबैक लेंगे।
सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग और प्रशिक्षण
इस तिहार को प्रभावी बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया से लेकर निराकरण तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पोर्टल के माध्यम से ट्रैक किया जाएगा। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके लिए समुचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
“सुशासन तिहार-2025” प्रदेश में सुशासन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है जो शासन और जनता के बीच मजबूत सेतु का कार्य करेगी।