रायपुर: आगामी दिनों में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव लोकतंत्र की असली ताकत को दर्शाते हैं, जहां प्रत्येक नागरिक की भागीदारी अति आवश्यक होती है। यह केवल प्रत्याशियों के लिए ही नहीं, बल्कि मतदाताओं के लिए भी महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वे अपने जनप्रतिनिधि चुनकर स्थानीय विकास की दिशा तय करते हैं।
हालांकि, समय के साथ चुनावी प्रक्रियाओं में जटिलताएँ भी बढ़ी हैं। चुनावों के दौरान प्रत्याशी एक-दूसरे के समक्ष प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन यह प्रतिस्पर्धा स्वस्थ लोकतांत्रिक भावना से होनी चाहिए। मतभेदों को व्यक्तिगत मनभेद में बदलने से स्थानीय विकास प्रभावित होता है, जो किसी भी ग्राम, जनपद या जिले के लिए उचित नहीं है।
श्रम शक्ति भवन सन्निर्माण एवं असंगठित कर्मकार संघ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संम्भागीय महासचिव उमेश कुमार श्रीवास का कहना है, “चुनाव केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि विकास की दिशा तय करने का अवसर है। हमें चुनावी महोत्सव को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए और आपसी सौहार्द बनाए रखना चाहिए। मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन मनभेद समाज की प्रगति में बाधक बनते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पंचायत चुनावों का उद्देश्य स्थानीय प्रशासन को मजबूत करना है, न कि समाज में विभाजन पैदा करना। इसलिए सभी प्रत्याशियों और मतदाताओं को जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को शांति व सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न कराना चाहिए। सभी मतदान करें और अवश्य करें।