
रायगढ़, 02 मार्च 2025 – प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के नरेगा कर्मचारियों को तैनात किया गया है, लेकिन पिछले तीन महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है। इस स्थिति ने कर्मचारियों को आर्थिक तंगी की ओर धकेल दिया है। सरकार और प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
बिना वेतन काम करने को मजबूर कर्मचारी
ग्राम पंचायत स्तर पर आवास निर्माण की प्रगति रिपोर्ट तैयार करने, लाभार्थियों की सूची अपडेट करने और अन्य प्रशासनिक कार्यों में नरेगा कर्मचारियों को लगाया गया है। लेकिन वेतन न मिलने के कारण उनके सामने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का संकट खड़ा हो गया है। कई कर्मचारियों को घर खर्च चलाने और बच्चों की पढ़ाई के लिए कर्ज तक लेना पड़ रहा है।
नाम न बताने की शर्त पर कर्मचारियों की बयां की अपनी पीड़ा।
रायगढ़ जिले के विभिन्न जनपदों और ग्राम पंचायतों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों ने बताया कि वेतन न मिलने की वजह से उनका जीवन मुश्किलों से घिर गया है। “तीन महीने से हमें वेतन नहीं मिला है, जिसकी वजह से हमारे परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो रहा है। बच्चों की स्कूल फीस भरना तो दूर, घर का राशन तक लाना मुश्किल हो गया है। EMI और अन्य जरूरी खर्चों के कारण हमें कर्ज लेना पड़ रहा है। हम रोज प्रशासन के चक्कर काटते हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है।” एक कर्मचारी की आंखों में आंसू छलक आए।
सरकार की अनदेखी या प्रशासन की लापरवाही?
कर्मचारियों का कहना है कि वेतन बकाया होने के बावजूद उनसे लगातार काम लिया जा रहा है। एक कर्मचारी ने नाराजगी जताते हुए कहा, “हमने जिला प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग को कई बार ज्ञापन सौंपा, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला।”
कौन है जिम्मेदार?
राज्य सरकार, जिला प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग के बीच तालमेल की कमी को इस स्थिति के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि फंड जारी करने में देरी हो रही है, जबकि कर्मचारी इसे प्रशासन की लापरवाही करार दे रहे हैं।
क्या कहती है सरकार?
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि “फंड मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही वेतन जारी कर दिया जाएगा।” हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें हर बार यही वादा किया जाता है, लेकिन हकीकत में कोई समाधान नहीं निकलता।
कर्मचारियों की चेतावनी – काम बंद करने का ऐलान
अगर जल्द ही वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो नरेगा कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य सरकारी योजनाओं के तहत चल रहे निर्माण व विकास कार्यों पर गहरा असर पड़ सकता है। आपको यह बता दें कि.. ग्राम पंचायतों में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी से ही निर्माण व विकास कार्य होता है।

हिंद मजदूर किसान पंचायत ने जताई चिंता
हिंद मजदूर किसान पंचायत, रायगढ़ के “जिला महासचिव” उमेश कुमार श्रीवास ने नरेगा कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन न मिलने पर चिंता जताई है। उन्होंने नरेगा कमिश्नर श्री रजत बंसल जी से कर्मचारियों का लंबित भुगतान तत्काल करने का आग्रह किया है। साथ ही, प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आर्थिक संकट से जूझ रहे नरेगा कर्मचारियों की समस्या के त्वरित निराकरण की मांग की है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस गंभीर समस्या का समाधान कब तक करती है, या फिर यह मामला भी सिर्फ फाइलों में ही दबकर रह जाएगा। प्रदेश में डबल इंजन सरकार होने के बावजूद नरेगा कर्मचारियों का तीन महीने से वेतन न मिलना सरकार की नीतियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।