
रायगढ़ (छत्तीसगढ़): मामला पुसौर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत कोतासुरा का है। जहां कोतासुरा निवासी देवानंद पटेल ने जिला प्रशासन से ग्राम रोजगार सहायक रहे कालीचरण यादव के आवास मित्र पद पर चयन को लेकर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है। पटेल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि कालीचरण यादव के खिलाफ पूर्व में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हो चुके हैं। ऐसे में उनका चयन आवास मित्र जैसे जिम्मेदार पद के लिए प्रशासन की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है।

शिकायतकर्ता का आरोप:
देवानंद पटेल ने अपनी शिकायत में कहा है कि कालीचरण यादव पर 2020 में 1,17,874 रुपये की धनराशि के दुरुपयोग का आरोप था, जिसके कारण उन्हें ग्राम रोजगार सहायक के पद से हटाया गया था। जांच में यह पुष्टि हुई थी कि धनराशि का उपयोग निर्धारित उद्देश्यों के लिए नहीं किया गया और संतोषजनक स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया। इसके बावजूद, ऐसे व्यक्ति को दोबारा किसी सरकारी योजना में शामिल करना अनुचित है।

मांग:
शिकायतकर्ता ने जिला प्रशासन से यह मांग की है कि कालीचरण यादव को आवास मित्र के पद से तुरंत हटाया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। देवानंद पटेल का कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्तियों को दोबारा जिम्मेदारियों से नवाजना समाज और प्रशासन के प्रति अन्याय है।
प्रशासनिक कार्यवाही:
हालांकि, अब तक इस मामले में जिला प्रशासन का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन यह मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। क्षेत्रीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है।
यह घटना दर्शाती है कि सरकारी पदों पर चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और नैतिकता का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। जनता और शिकायतकर्ता का कहना है कि ऐसे व्यक्तियों को पदों पर बनाए रखना, जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाने जैसा है। इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
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