
रायगढ़। 16 जनवरी। “चोर के पैर कब तक छुपेंगे?” यह कहावत तमनार धान खरीदी केंद्र की अनियमितताओं पर सटीक बैठती है। रायगढ़ जिले के तमनार धान खरीदी केंद्र में हुई गंभीर वित्तीय गड़बड़ियों ने शासन और किसानों के हितों को बड़ा झटका दिया है।
जिले के कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार, संयुक्त जांच दल द्वारा 15 जनवरी 2025 को किए गए भौतिक सत्यापन में धान और बारदाना स्टॉक में बड़े स्तर पर अनियमितताएं पाई गईं। 6529 बोरी (2611.60 क्विंटल) धान रिकॉर्ड से गायब पाया गया, जबकि 4054 नए बारदाने अधिक और 5980 पुराने बारदाने कम मिले।
किसानों के हितों पर चोट
इस वित्तीय अनियमितता के कारण तमनार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के 1396 कृषक सदस्यों को कुल 80.95 लाख रुपये का नुकसान हुआ। समिति, जो किसानों के संचित शेयर पर आधारित है, का यह नुकसान सीधे तौर पर किसानों के भविष्य को प्रभावित करता है।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई
कलेक्टर श्री गोयल के आदेश पर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की गई है:
सहायक समिति प्रबंधक: श्री निलाद्री पटनायक
कंप्यूटर ऑपरेटर: श्रीमती मधुबाला पटनायक
फड़ प्रभारी: श्री भरतलाल राठिया
बारदाना प्रभारी: श्री शिवशंकर भगत
इन चारों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, पर्यवेक्षक श्री सुरेंद्र साव को भी हटाया गया है। यदि दोषियों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, तो FIR दर्ज की जाएगी।
भविष्य के लिए सबक
कहते हैं, “लोभ की लाठी दूर तक नहीं चलती।” यह घटना न केवल जिम्मेदार अधिकारियों के लिए एक सबक है, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि किसानों की मेहनत के धन की रक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस कार्रवाई के तहत धान खरीदी कार्य प्रभावित न हो, इसके लिए नए कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। कलेक्टर श्री गोयल ने इस प्रकार की अनियमितताओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का संदेश दिया है।
निष्कर्ष
तमनार धान खरीदी केंद्र का यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे कुछ भ्रष्ट कर्मचारी किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ करते हैं। अब समय है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त नजर रखी जाए, ताकि किसानों का विश्वास बहाल हो सके। “ईमानदारी की नींव मजबूत हो, तभी समाज प्रगति करता है।”