
रायपुर, 2 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन निर्णयों का उद्देश्य राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करना, सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना, और आर्थिक विकास के लिए नए अवसर सृजित करना है।
महापौर और अध्यक्ष का प्रत्यक्ष चुनाव
कैबिनेट ने प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से कराने का निर्णय लिया है। इस निर्णय को लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 और छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 में संशोधन किया गया है।
गौरतलब है कि 1999 तक अविभाजित मध्यप्रदेश में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता था। हालांकि, 2019 में इसे अप्रत्यक्ष बना दिया गया था। नए संशोधन से जनता को सीधे अपने प्रतिनिधियों का चयन करने का अधिकार मिलेगा, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
OBC आरक्षण की सीमा 50% तक बढ़ी
कैबिनेट ने पंचायतों और नगरीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर अधिकतम 50% करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा पर आधारित है। पहले OBC आरक्षण की सीमा 25% थी, लेकिन अब इसे समुदाय की जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाने की स्वीकृति दी गई है। इस कदम से OBC वर्ग को राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधित्व में मजबूती मिलेगी।
चना वितरण योजना में सुधार
राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चना वितरण योजना को और प्रभावी बनाने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम को NeML ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से चना उपार्जन की अनुमति दी गई है। वर्तमान में यह योजना 30 लाख से अधिक परिवारों को लाभान्वित कर रही है, जहां प्रति परिवार हर महीने 5 रुपए प्रति किलो की दर से 2 किलो चना वितरित किया जाता है। यह निर्णय लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता का चना उपलब्ध कराने और प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
पर्यटन को मिला उद्योग का दर्जा
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत लिया गया है। इससे साहसिक पर्यटन, जल पर्यटन, मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने से राज्य में पर्यटन से संबंधित अधोसंरचना का विकास होगा। साथ ही, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए सुविधाओं में सुधार होगा। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
छत्तीसगढ़ कैबिनेट के ये फैसले राज्य की प्रगति और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी गति देंगे। इन सुधारों से राज्य में लोकतंत्र मजबूत होगा, वंचित वर्गों को अधिकार मिलेगा, और पर्यटन क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी।